झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे देश की राजनीति की दिशा बदल सकते हैं। सत्ताधारी बीजेपी के लिए झारखंड में मिली हार का भावार्थ बहुत ही अहम है। हालांकि इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में झारखंड में बीजेपी को ज़बरदस्त सफलता मिली थी लेकिन विधानसभा चुनाव में उसे मिली हार उससे ज़्यादा बड़ी है। मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।
झारखंड: क्या राहुल गाँधी की ग़ैर-मौजूदगी ने बीजेपी को हराया?
- विचार
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- 24 Dec, 2019

क्या राहुल गाँधी के द्वारा लिए गए फ़ैसलों के कारण कांग्रेस को नुक़सान हुआ है। क्या पार्टी की कमान सोनिया गाँधी के ही हाथों में रहनी चाहिए। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाकर बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने और हरियाणा और झारखंड में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन का श्रेय सोनिया गाँधी को दिया जा रहा है।
झारखंड में बीजेपी की हार का संदेश बहुत दूर तक जाने वाला है। 2019 में नरेंद्र मोदी की भारी जीत के छह महीने बाद ही हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की क़रारी हार हुई है। हालांकि साल भर पहले उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी पार्टी की हार हुई थी लेकिन पार्टी के प्रवक्ता उसे उतनी बड़ी हार मानने को तैयार नहीं होते थे क्योंकि इसके बाद हुए लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी को इन राज्यों में ज़बरदस्त सफलता मिली थी।