नागरिकता संशोधन क़ानून लगभग वैसी ही भयंकर भूल है, जैसी मोदी सरकार ने नोटबंदी करके की थी। इन दोनों कामों को करने के पीछे भावना तो बहुत अच्छी रही लेकिन इनके दुष्परिणाम भयावह हुए हैं। नोटबंदी से सारा काला धन सफेद हो गया। काले धनवालों ने उल्टे उस्तरे से सरकार की मुंडाई कर दी। सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और 30 हज़ार करोड़ रुपये नए नोट छापने में बर्बाद हुए।