भारत सरकार ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक बैठक के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को न्यौता भेजा है। यह बैठक इस साल के अंत में होगी और इसमें इस संगठन के सदस्यगण भाग लेंगे। इनमें रुस और चीन के साथ-साथ उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किरगिजिस्तान भी सदस्य हैं।
इमरान स्वीकार करें भारत का निमंत्रण, दोनों देश शुरू करें बातचीत
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- 18 Jan, 2020

भारत सरकार ने शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक बैठक के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को न्यौता भेजा है। अगर इमरान इस न्यौते को स्वीकार कर लेते हैं तो हो सकता है कि इससे दोनों देशों के बीच कोई संवाद कायम हो जाए। पाकिस्तान और भारत की अर्थव्यवस्था आजकल पटरी पर नहीं है। ऐसे में दोनों देशों को मुठभेड़ तो क्या, इस तरह की बातों से भी दूर रहना चाहिए। बेहतर हो कि दोनों देशों के नेता शीघ्र ही आपस में मिलें।
भारत ने इमरान को न्यौता तो भेजा है लेकिन पता नहीं कि इमरान आएंगे या नहीं? जैसे हालात आजकल हैं, यदि वैसे ही अगले दस-ग्यारह माह तक बने रहे तो इमरान का भारत आना असंभव है। यूं भी इतने माह पहले निमंत्रण भेजने और उसे प्रचारित करने का महत्व क्या है? यह ज़रूरी नहीं कि पाकिस्तान इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया करे ही लेकिन मैं सोचता हूं कि पाकिस्तान इस पर हां करे तो कोई बुराई नहीं है। हो सकता है कि इस पर हां करने के पाकिस्तानी तेवर का भारत में स्वागत हो और दोनों देशों के बीच शीघ्र ही कोई संवाद कायम हो जाए।