ओसाका में हुई नरेंद्र मोदी और डोनल्ड ट्रंप की भेंट से यह आशा बंधती है कि भारत-अमेरिका संबंधों में इधर पैदा हुई अनिश्चितता ज़्यादा चिंताजनक नहीं है। दोनों राष्ट्रों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद तो ज़रूर रहेगा लेकिन मनभेद नहीं होगा। जहाँ तक अमेरिकी निर्यात पर तटकर बढ़ाने की बात है, ट्रंप ने ओसाका रवाना होने के पहले एक काफ़ी सख़्त ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिकी चीजों पर टैक्स बढ़ाना बंद करे लेकिन ओसाका में मोदी से मिलने के बाद अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के अफ़सर इस मामले को बातचीत से हल करेंगे।
भारत-अमेरिका संबंधों में अनिश्चितता ज़्यादा चिंताजनक नहीं
- विचार
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- 29 Jun, 2019

सच्चाई तो यह है कि अमेरिका-चीन व्यापार में चल रहा तनाव बढ़ गया तो विश्व-व्यापार में कम से कम 500 बिलियन डाॅलर का फर्क पड़ जाएगा। चीन और अमेरिका, दोनों देशों को नए आयातक और नए निर्यातक खोजने होंगे। ऐसे में भारत की चांदी हो सकती है। उस स्थिति में तटकर का विवाद अपने आप दरी के नीचे खिसक जाएगा।