अचंभे की बात यह नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित हुए एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में किसी प्रोफेसर की बेटी द्वारा आत्महत्या किए जाने के संबंध में सुने गए चुटकुले को शेयर किया। प्रसंग का ज़्यादा तकलीफ़देह दृश्य यह था कि सभागृह में उपस्थित संभ्रांत श्रोताओं ने चुटकुले को अपने चेहरों पर खिलखिलाहट बिखेरते हुए तालियों की गूंज के साथ स्वीकार किया !
क्या हम एक बीमार समाज में परिवर्तित हो रहे हैं ?
- विचार
- |
- 29 Mar, 2025
जब हम लोग किसी से मजाक में कुछ कहते हैं तो बहुत सोच समझकर कहते हैं। लेकिन भारत में प्रधानमंत्री आए दिन कुछ न कुछ चुटकुला सुना देते हैं और भारतीय समाज ताली बजाकर उन चुटकुलों का स्वागत करता है। क्या भारतीय समाज संवेदनहीन होता जा रहा है, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग का सवालः
