जिन लोगों के व्यक्तित्व ने मुझे अद्भुत तरीके से अभिभूत किया है, उनमें भगवान राम, अब्राहम लिंकन, महात्मा गांधी और डॉक्टर आंबेडकर सबसे ऊपर हैं। बल्कि गांधी का व्यक्तित्व ऐसा है कि उसमें तो मैं आलोचना का भी कोई तत्व नहीं पाता। गांधी ने जिस जवाहरलाल नेहरू को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया था और कहा था कि मैं जब इस दुनिया में नहीं रहूंगा तो जवाहर मेरी भाषा बोलेगा, उस नेहरू में भी आलोचना के कई तत्व मिल जाएंगे। बावजूद इसके जवाहरलाल के व्यक्तित्व में सम्मोहन और विचारों में विशालता है।
नेहरू का अपमान कर सरकार को क्या मिलेगा?
- विचार
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- 31 Jun, 2023

सेंगोल को राजदंड के रूप में नये संसद भवन में स्थापित करने के लिए बीजेपी की ओर से क्या-क्या दावा किया गया, लेकिन ये दावे कितने सच हैं? जानिए, आख़िर नेहरू को निशाने पर क्यों लिया गया।
एक जर्जर देश, जो जातियों और धर्मों के नाम पर बुरी तरह विभाजित था, उसकी आजादी और लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हिंदुस्तान हमेशा नेहरू का एहसानमंद रहेगा। लेकिन नेहरू पर इतिहास का प्रेत साया ऐसा पड़ा है कि वो जब तब सत्ताधीशों को अपने बचाव का रास्ता देता रहता है।