कहा जाता है कि समुद्र में जब ज्वार आता है तब ही मछलियाँ पकड़ी जाती हैं यानी संकट ही अवसर का बेहतर वक़्त होता है। शायद इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब लॉकडाउन के दौरान देश को पाँचवीं बार संबोधित किया तो उन्होंने माना कि यह संकट का समय है, आपदा का वक़्त है, लेकिन इसमें मरना, टूटना, बिखरना नहीं है, जीतना है। कोरोना की महामारी से, लड़ाई से हारना नहीं है, हमें ना केवल जीत कर निकलना है, बल्कि बेहतर और मज़बूत होना है।