पहले प्रधानमंत्री और फिर वित्तमंत्री का भाषण सुना। दोनों भाषणों से आम जनता को जो उम्मीद थी, वह पूरी नहीं हुई। प्रधानमंत्री का भाषण सभी टीवी चैनलों पर रात को आठ बजे प्रसारित होगा, यह सूचना चैनलों पर इतनी बार दोहराई गई कि करोड़ों लोग बड़ी श्रद्धा और उत्सुकता से उसे सुनने बैठ गए लेकिन मुझे दर्जनों नेताओं ने फ़ोन किए, उनमें भाजपाई भी शामिल हैं कि प्रधानमंत्री का भाषण इतना उबाऊ और अप्रासंगिक था कि 20-25 मिनट बाद उन्होंने उसे बंद करके अपना भोजन करना ज़्यादा ठीक समझा लेकिन मैंने उन्हें समझाया कि आख़िरी आठ-दस मिनटों में उन्होंने काफ़ी काम की बात कही। जैसे सरकार 20 लाख करोड़ रुपये लगाकर लोगों को राहत पहुँचाएगी।