कोविड-19 यानी कोरोना वायरस आज भारत समेत पूरी दुनिया के लिए भीषण मानवीय त्रासदी बन चुका है। हाथ जोड़ कर लॉकडाउन का एलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से कहा था कि लोग हरगिज घर से बाहर न निकलें। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया था कि उन्हें दवाएं तथा ज़रूरी वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएंगी। लेकिन लोग भ्रम, भय और आश्चर्य में हैं कि घर से बाहर निकले बगैर उन्हें ज़रूरी चीजें कैसे मिलेंगी।
कोरोना: मोदी सरकार का राहत पैकेज क्या आँकड़ों की बाज़ीगरी है!
- विचार
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- 28 Mar, 2020

कोरोना वायरस के कारण लागू किये गये लॉकडाउन के चलते गांवों-कस्बों में लोग परेशान हैं। सरकारी घोषणाओं का लाभ उन तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
सरकार ने वायरस को रोकने के लिये 21 दिन तय किए। चीन के बाद क्रमशः अमेरिका, इटली, फ्रांस, आयरलैंड, ब्रिटेन, डेनमार्क, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन ने अपने यहां कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए इसी तरीके को अपनाया था।
विजयशंकर चतुर्वेदी कवि और वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। वह फ़िलहाल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते हैं।