भारत के राजकाज में भारतीयों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ब्रिटेन ने 1927 में सात ब्रिटिश सांसदों का एक दल बनाया जिसकी अध्यक्षता जॉन साइमन कर रहे थे और जिसकी वजह से इस दल का नाम साइमन कमिशन पड़ा। चूँकि इस कमिशन में कोई भारतीय नहीं था, इसलिए कांग्रेस और मुसलिम लीग के जिन्ना-नीत गुट ने उसका विरोध किया। तब ब्रिटेन के भारत मंत्री ने इन नेताओं को चुनौती दी कि यदि वे सक्षम हैं तो ख़ुद ही ऐसा संविधान तैयार करके पेश करें जिससे भारत के सारे लोग मोटे तौर पर सहमत हों। कांग्रेस ने यह चुनौती स्वीकार की और मोतीलाल नेहरू के नेतृत्व में बनी एक सर्वदलीय समिति ने भारत के भावी संविधान का एक प्रारूप तैयार किया जिसे नेहरू रिपोर्ट कहा जाता है। इस दल में जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस के अलावा लिबरल पार्टी के नेता तेजबहादुर सप्रू भी थे जो आंदोलनों के बजाय ब्रिटिश हुकूमत से बातचीत करके हल निकालने के हामी थे।
विभाजन विभीषिका : जिन्ना को किसने दिया था पाकिस्तान बनाने का विचार?
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- 14 Aug, 2021

भारत-पाक बँटवारे के लिए कौन ज़िम्मेदार था? हम स्वतंत्रता के 75वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। इस मौके पर सत्य हिन्दी की ख़ास पेशकश। इस कड़ी में पढ़िए, पहली बार पाकिस्तान की माँग जिन्ना ने नहीं उठाई थी।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश