भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के साथ ही यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या दोनों देशों के बीच युद्ध एक मात्र रास्ता बचा है? क्या कूटनीतिक रास्ता बंद हो चुका है? यह सवाल उठना लाज़िमी इसलिए है कि कूटनीति के नाकाम होने के बाद ही युद्ध होता है। यह तो कोई नहीं चाहेगा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच जंग हो, पर जिस तरह आतंकवादी गुट पाकिस्तान में खुले आम काम कर रहे हैं और इस्लामाबाद उन्हें शह देता  रहता है, उससे सवाल उठता है कि आख़िर रास्ता क्या है?