बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की बैठक की पूर्वसंध्या यानी 17 जुलाई की शाम एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार नग़मा सहर के प्रोग्राम ‘सच की पड़ताल’ के दौरान जनता से एक सवाल पर राय माँगी गयी। यह सवाल था कि क्या 2024 में विपक्ष के 26 दल मोदी को मात दे पायेंगे? 35 हज़ार लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया जो कार्यक्रम के अंत में दिखाया गया। इसके मुताबिक़ 83 फ़ीसदी लोगों ने इसका जवाब ‘हाँ’ में दिया। 15 फ़ीसदी ने ‘नहीं’ कहा और दो फ़ीसदी लोगों का जवाब था कि ‘कह नहीं सकते।‘
NDA के सामने विपक्ष ने खींची INDIA की बड़ी लक़ीर!
- विचार
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- 19 Jul, 2023

विपक्षी दलों की एकजुटता ने क्या बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है? जानिए, बेंगलुरु बैठक के बाद से बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर क्या असर हुआ है।
यह नतीजा बहुत लोगों के लिए चौंकाने वाला था। गोदी मीडिया जिस तरह पीएम मोदी की दुंदभि बजा रहा है, यह परिणाम उससे पूरी तरह उलट था। ज़ाहिर है इससे कोई फ़ैसला नहीं निकाला जा सकता, लेकिन इसने देश के राजनीतिक माहौल में आ रहे बदलाव का संकेत तो दे ही दिया। यह भी ग़ौर करने की बात है कि जिन दर्शकों ने विपक्ष की बैठक को लेकर उत्साह दिखाया था उनके सामने तब तक पूरी तस्वीर स्पष्ट नहीं थी। कौन जानता था कि 18 जुलाई को बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को चुनौती देने के लिए इंडिया (INDIA) सामने आ जाएगा। इस नाम ने भी देश भर को चौंकाया। अपने हर विरोधी को ‘देशद्रोही’ या ‘भारत विरोधी’ कहने की आदी हो चुकी बीजेपी के सामने अब ‘इंडिया’ है। चुनावी जुमलेबाज़ी के किसी भी ख्याल में ‘इंडिया’ का विरोध करना आसान नहीं होगा। एक ही झटके में ‘राष्ट्रवादी झंडे’ पर बीजेपी की इजारेदारी में विपक्ष ने तगड़ी सेंध लगा दी।