हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस भावभीने ढंग से वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मिले, उसके फोटो अखबारों और टीवी पर देखकर कोई भी चकित हो सकता है। वैसे, मोदी सभी विदेशी महाप्रभुओं से इसी गर्मजोशी के साथ मिलते हैं, चाहे वह डोनाल्ड ट्रंप हों या जो बाइडन हों। लेकिन यह एकतरफा अति उत्साह नहीं है। सामने वाले की गर्मजोशी भी उतनी ही दर्शनीय हो जाती है।
मोदी-पोप की मुलाक़ात से क्या चुनावी लाभ लेगी बीजेपी?
- विचार
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- 1 Nov, 2021

मोदी और पोप की इस भेंट से जो लोग नाराज हुए हैं, उनकी शिकायत है कि मोदी-राज में ईसाइयों और मुसलमानों पर काफी जुल्म हो रहे हैं लेकिन बीजेपी इस भेंट का इस्तेमाल उन जुल्मों पर पर्दा डालने के लिए करेगी। वह गोवा और मणिपुर के चुनावों में ईसाई वोटों को भी इस भेंट के बहाने पटाने की कोशिश करेगी।
मोदी की पोप से हुई भेंट को न तो केरल के कुछ ईसाई और न ही कुछ कम्युनिस्ट नेता आसानी से पचा सकते हैं लेकिन वे यह न भूलें कि पोप से मिलने वाले ये पहले भारतीय प्रधानमंत्री नहीं हैं।
इनके पहले चार अन्य भारतीय प्रधानमंत्री पोप से वेटिकन में मिल चुके हैं। वे हैं- जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, इंदर कुमार गुजराल और अटल बिहारी वाजपेयी।