अच्छा लगा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी अफ़सरों पर सरेआम “पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दनादन” रणनीति के तहत “बैटिंग” करने वाले युवा बीजेपी विधायक के ख़िलाफ़ भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक में सख़्त क़दम उठाने की बात कही। इससे सत्ता के नशे में चूर तमाम विधायक और सांसदों को एक सख़्त सन्देश गया है, ठीक वैसे ही जैसे साध्वी व भोपाल की सांसद को गया था।