नीति आयोग ने 23 पैमानों पर आधारित सालाना स्वास्थ्य सूचकांक हाल हीं में जारी किया है। शाश्वत निर्लज्ज भाव से उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे निचले पायदान पर विराजमान रहे। जो बात किसी विश्लेषक ने नहीं देखी वह यह कि 2015-16 के मुक़ाबले 2017-18 में स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट बिहार में सबसे ज़्यादा (6.35 प्रतिशत) रही।