नीति आयोग ने 23 पैमानों पर आधारित सालाना स्वास्थ्य सूचकांक हाल हीं में जारी किया है। शाश्वत निर्लज्ज भाव से उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे निचले पायदान पर विराजमान रहे। जो बात किसी विश्लेषक ने नहीं देखी वह यह कि 2015-16 के मुक़ाबले 2017-18 में स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट बिहार में सबसे ज़्यादा (6.35 प्रतिशत) रही।
स्वास्थ्य बेहाल: 70 साल से अपराध कर रहे सत्ता में बैठे नेता?
- विचार
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- 5 Jul, 2019

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार भारत और राज्यों की सरकारों का स्वास्थ्य पर सम्मिलित ख़र्च दुनिया में सबसे कम है। स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में देश में लाखों बच्चे पिछले तमाम दशकों से हर साल असमय मौत की गोद में सो जाते हैं। हत्या करना अपराध है तो सरकारी लापरवाही से हुई मौतों को हत्या का अपराध क्यों नहीं माना जाए?
अगर किसी व्यक्ति की हत्या होती है तो अभियुक्त को फाँसी नहीं तो आईपीसी के तहत आजीवन कारावास का प्रावधान है। अगर व्यक्ति मर गया लेकिन इरादा जान से मारने का नहीं केवल शारीरिक क्षति पहुँचाने का था तो दस साल और अगर किसी उतावलेपन या उपेक्षा से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो दो साल की सजा का प्रावधान है। स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में देश में लाखों बच्चे पिछले तमाम दशकों से हर साल असमय मौत की गोद में सो जाते हैं।