लंदन में बैठे-बैठे मैंने जैसे ही भारतीय टीवी चैनल खोले, मैंने देखा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को काफ़ी प्रमुखता मिल रही है। मोदी ने कहा कि विरोधियों में दम हो तो वे धारा 370 और 35ए की वापसी का वादा करें। जाहिर है कि 5 अगस्त को हुए कश्मीर के पूर्ण विलय का विरोध करके कांग्रेस ने अपनी फजीहत करवा ली है। लेकिन मोहन भागवत का बयान अपने आप में अजूबा है। उनके बयान का कुछ मुसलिम नेता डटकर विरोध भी कर रहे हैं।
'सर्वश्रेष्ठ हैं भारत के मुसलमान'
- विचार
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- 15 Oct, 2019

हिंदुओं के दलितों और पिछड़ों में भी मुसलमानों से ज़्यादा पिछड़ापन, ग़रीबी और अशिक्षा है। असली प्रश्न यह है कि भारत के अल्पसंख्यकों के लिए हर क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने के अवसर हैं या नहीं? अवसर हैं लेकिन आजकल वे असुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं, यह भी सच्चाई है। असुरक्षा का कारण न तो सरकार है और न ही व्यापक समाज है बल्कि वे सिरफिरे लोग हैं, जो अपने आप को गोरक्षक कहते हैं लेकिन वे ख़ुद नरभक्षक हैं।