संगीत की दुनिया में भी हर राग का समय होता है। भैरवी शाम को नहीं बजाया जाता। संगीत मकरंद में नारद ने कहा है कि समयानुरूप राग न गाने से सुनने वालों का जीवन-काल तक प्रभावित होता है।