प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह और पी वी नरसिंह राव के साथ ही कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न अलंकरण दिए जाने की घोषणा की है, जिससे किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए। सबसे पहली बात कि इन तीनों हस्तियों के योगदान को सचमुच भुलाया नहीं जा सकता। न ही भारत रत्न अलंकरण की गरिमा को। मगर सवाल यह है कि ठीक यही समय क्यों चुना गया है? भारत रत्न की यह महीने भर से कम समय में तीसरी किस्त है। इन तीन विभूतियों से पहले समाजवादी चिंतक नेता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी। उसके बाद अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन को भाजपा के लिए सत्ता की सीढ़ी बनाने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से अलंकृत किए जाने की घोषणा की गई।
भारत रत्न को लेकर इतनी हड़बड़ी क्यों?
- विचार
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- 9 Feb, 2024

मोदी सरकार ने इस साल पिछले कुछ दिनों में ही एक एक कर पाँच शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी है। आख़िर चुनाव से पहले ही ऐसा क्यों?
ये घोषणाएं आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर क्या मायने रखती हैं, इसे समझने के लिए राजनीति विज्ञान के किसी प्राध्यापक या राजनीतिक विश्लेषक के पास जाने की जरूरत नहीं है। फिर भी, प्रधानमंत्री मोदी और दस साल से केंद्र में राज कर रही भाजपा इतनी हड़बड़ी में क्यों है? आखिर यह समय क्यों चुना गया, जब आम चुनाव को सौ दिन भी नहीं रह गए हैं?