अपने नौ वर्ष से अधिक के प्रधानमंत्रित्व काल में नरेंद्र मोदी अपने विरोधियों, आलोचकों के साथ ही अपने प्रशंसकों और भक्तों को भी संशय में डालते रहे हैं, सो सोमवार यानी 18 सितंबर, 2023 को संसद के विशेष सत्र में भी उनसे यही अपेक्षा थी। मौजूदा संसद भवन के उनके आखिरी भाषण में राष्ट्रीय आंदोलन के नेताओं के साथ देश के पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम आना अप्रत्याशित नहीं था, मगर उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री को जिस तरह याद किया वह ज़रूर अप्रत्याशित था।