एक साल पहले जब कोरोना की वैश्विक महामारी ने भारत को अपनी चपेट में लेना शुरू किया था तब पूरे देश में नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के ख़िलाफ़ आंदोलन चल रहा था। केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों ने कोरोना महामारी की आड़ में उस आंदोलन को दबा दिया था। देश में इस समय एक बार फिर कॉरपोरेट नियंत्रित और पोषित मीडिया के ज़रिए कोरोना संक्रमण के बढ़ने का माहौल बनाया जा रहा है।