कोरोना की आफ़त की वजह से यदि संविधान का अनुच्छेद 324 निलंबित हो सकता है तो फिर इसी का अनुच्छेद 75(5) क्यों नहीं? अनुच्छेद 324 से ही चुनाव आयोग का जन्म हुआ है। जबकि अनुच्छेद 75(5) में किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के लिए छह महीने के भीतर अपनी विधानसभा या संसद का सदस्य बनना अनिवार्य बनाया गया है। चुनाव आयोग अनुच्छेद 324 के अनुसार सही ढंग से काम कर सके, इसके लिए ‘जन प्रतिनिधित्व क़ानून 1951’ मौजूद है।
महाराष्ट्र को संवैधानिक संकट में धकेलने की कोशिश कर रही बीजेपी!, ठाकरे की कुर्सी जाएगी?
- विचार
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- 27 Apr, 2020

यदि समय रहते चुनाव करवाने के एक संवैधानिक प्रावधान को लॉकडाउन में टाला जा सकता है तो फिर मुख्यमंत्री के विधायक होने की शर्त को निलम्बित क्यों नहीं किया जा सकता?
अब यदि लॉकडाउन की वजह से चुनाव आयोग को जन प्रतिनिधित्व क़ानून की धारा 151-ए की इस बन्दिश से छूट मिल सकती है कि वो महाराष्ट्र विधान परिषद की ख़ाली पड़ी 9 सीटों के चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए टाल दे, तो फिर इसी परम्परा के तहत उद्धव ठाकरे के लिए 6 महीने के भीतर विधायक बनने की संवैधानिक शर्त यानी अनुच्छेद 75(5) में छूट क्यों नहीं दी जा सकती?
मुकेश कुमार सिंह स्वतंत्र पत्रकार और राजनीतिक प्रेक्षक हैं। 28 साल लम्बे करियर में इन्होंने कई न्यूज़ चैनलों और अख़बारों में काम किया। पत्रकारिता की शुरुआत 1990 में टाइम्स समूह के प्रशिक्षण संस्थान से हुई। पत्रकारिता के दौरान इनका दिल्ली