क्या भारतीय मीडिया इन दिनों भारतीय जनता पार्टी की भाषा बोलने लगा है? वैसे एक सवर्ण पूर्वग्रह भारतीय मीडिया की भाषा में हमेशा सक्रिय रहा, लेकिन वह पहले एक शील के तहत इसे कुछ छुपाने की या संतुलित करने की ज़रूरत महसूस करता था। मगर पिछले कुछ दिनों में भारत में आक्रामक बहुसंख्यकवाद के उभार का असर हो या कुछ और- मुख्यधारा के मीडिया ने यह न्यूनतम शील भी छोड़ दिया है।