श्रीलंका में हुए संसदीय चुनाव में वहाँ भाई-भाई राज कायम कर हो गया है। अब उस पर मोहर लगा दी है। बड़े भाई महिंदा राजपक्षे तो होंगे प्रधानमंत्री और छोटे भाई गोटाबया राजपक्षे होंगे राष्ट्रपति! इनकी पार्टी का नाम है- ‘श्रीलंका पोदुजन पेरामून’। यह नई पार्टी है। जिन दो बड़ी पार्टियों के नाम हम दशकों से सुनते आ रहे थे— श्रीलंका फ़्रीडम पार्टी और यूनाइटेड नेशनल पार्टी— वे लगभग शून्य हो गई हैं। इन पार्टियों के नेताओं— श्रीमावो भंडारनायके, चंद्रिका कुमारतुंग, जयवर्द्धन, प्रेमदास आदि से मैं कई बार मिलता रहा हूँ, उनके साथ यात्राएँ और प्रीति-भोज भी होते रहे हैं। इनमें से ज़्यादातर दिवंगत हो गए हैं, जो बचे हैं, उन्हें श्रीलंका के लोगों ने घर बिठा दिया है।