नेहरू परिवार की राजनीतिक विरासत की आलोचना करने वाले लोग अक्सर गाँधीजी से उनकी तुलना किया करते थे कि देखिए, गाँधीजी ने अपने बच्चों को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया और इसका प्रमाण यही है कि उनका एक भी बच्चा आज राजनीति में नहीं है।
गाँधी-150: हरिलाल ने क्यों कहा, मुझे नहीं चाहिए थे ऐसे महान पिता!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

दुनिया की बड़ी-बड़ी हस्तियों को प्रेरणा देने वाले गाँधीजी अपने बड़े बेटे हरिलाल की नज़र में अच्छे पिता साबित नहीं हो सके थे। गाँधी जी को भी जीवन के अंत तक यह अफ़सोस रहा कि वह हरिलाल को अपनी बात नहीं समझा पाये। बाप-बेटे के बीच मतभेद ऐसे उभरे कि उनके संबंध बिगड़ते ही चले गए।
मगर अपने किसी बच्चे के लिए ‘कुछ नहीं’ करने के लिए तारीफ़ पाने वाले गाँधीजी को अपने ही एक बेटे की यह शिकायत भी सुननी पड़ी कि उन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया। हम हरिलाल की बात कर रहे हैं जो गाँधीजी के सबसे बड़े बेटे थे और दक्षिण अफ़्रीका में आंदोलनों में भाग लेने के कारण उन्होंने क़रीब डेढ़ साल तक जेल की सज़ा काटी थी। इसी की वजह से उनको छोटा गाँधी भी कहा जाने लगा था। लेकिन कुछ ही सालों में बाप-बेटे के बीच ऐसे मतभेद उभरे कि हरिलाल दक्षिण अफ़्रीका से भारत लौट आए और उसके बाद दोनों के बीच संबंध बिगड़ते ही चले गए।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश