गाँधीजी की शादी 13 साल की उम्र में ही हो गई थी जब वह स्कूल में पढ़ रहे थे। उनकी पत्नी उनसे कुछ महीने बड़ी थीं लेकिन हमउम्र ही कही जाएँगी। दोनों एक तरह से बच्चे ही थे और दोनों में झगड़ा भी ख़ूब होता था। कई-कई बार दोनों में बातचीत भी बंद हो जाती थी। गाँधीजी इसके बारे में लिखते हुए अपनी आत्मकथा में उन झगड़ों का कारण भी बताते हैं।
गाँधी-150: कस्तूरबा को घर से निकालने की कोशिश क्यों की थी गाँधीजी ने?
- विचार
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- 3 Oct, 2019

निजी जीवन में गाँधीजी कैसे थे, इसके बारे में हमारी इस सीरीज़ में आज हम बात करेंगे उनके वैवाहिक जीवन की। क्या वह अपनी शादी से ख़ुश थे? कस्तूरबा के प्रति उनका व्यवहार कैसा था? और यह भी कि आख़िर उन्होंने 37 साल की उम्र में ब्रह्मचर्य क्यों अपना लिया।
जिन दिनों गाँधीजी की शादी हुई थी, उन दिनों दांपत्य जीवन के बारे में शिक्षा देने वाले पर्चे एक-एक पैसे में बिकते थे। गाँधीजी ऐसे पर्चों को बड़े ध्यान से पढ़ते थे। इन पर्चों में पत्नी के साथ जीवनपर्यंत वफ़ादारी की सीख गाँधीजी के दिल में बस गई। लेकिन इसका एक उल्टा असर भी हुआ। वह यह कि यदि पति को पत्नी के प्रति वफ़ादार रहना चाहिए तो पत्नी को पति के प्रति पूरी वफ़ादारी निभानी चाहिए। इसने उनके मन में ईर्ष्या और संदेह का बीज बो दिया, हालाँकि पत्नी के चरित्र पर संदेह करने की कोई वजह थी नहीं। ख़ैर, वह कस्तूरबा की हर गतिविधि पर नज़र रखने लगे, आने-जाने पर रोक लगाने लगे। लेकिन पत्नी भी बेकार की टोकाटाकी पसंद करने वाली नहीं थीं। जितनी वह बंदिशें लगाते थे, उतना ही वह उनकी बातें नहीं मानतीं। भला मानती भी क्यों? आख़िर मंदिर जाने या सहेलियों से मिलने में क्या हर्ज है?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश