मिट्टी की सोंधी खुशबू से सराबोर उमगाती सावन की फुहारों में लिपटी आकाशीय बिजली के वज्रपात से पिछले दिनों देश के सैकड़ों किसानों की मौत में प्रकृति के बढ़ते गुस्से की चेतावनी छिपी है। मानसून के पहले ही दौर में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 315 लोग बारिश और आकाशीय बिजली के कारण जान गंवा चुके हैं।
संभल जाइए, कुदरत की चेतावनी है आकाशीय बिजली गिरने से मौत का होना
- विचार
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- 7 Jul, 2020

आकाशीय बिजली गिरने से सबसे अधिक मौत जहां महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल में दर्ज हैं, वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड के किसान और आदिवासी भी बड़ी संख्या में इसके शिकार होते हैं।
असम के पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ की विभीषिका भी लोगों की जान लील रही है। मई के दूसरे पखवाड़े से जून अंत तक बिजली गिरने से मरने वालों में अधिकतर धान रोप रहे किसान हैं।
आसमान तरेड़ती बिजली से पल भर में झुलस कर अपनों को दम तोड़ते देखना आदिवासियों, पहाड़ियों और वनवासियों के लिए नई बात नहीं है मगर गंगा के मैदानी इलाकों में किसानों की मौत पर मौसम वैज्ञानिक चिंतित हैं। वे इसे जलवायु परिवर्तन की निष्ठुर बानगी मान रहे हैं।