ये अच्छा ही हुआ कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही ये साफ़ कर दिया है कि उन्होंने 2020 में कांग्रेस पद के लिए नहीं, बल्कि 'सेल्फ रिस्पेक्ट' के लिए छोड़ी। 'सेल्फ रिस्पेक्ट' और 'जनसेवा' सिंधिया परिवार की बीमारी है। ये परिवार बीते 75 साल से इसीलिए राजनीति में दल बदल करता रहता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के ये 'सेल्फ़ रिस्पेक्ट' क्या मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुँचने देगा या फिर ये पद 'सेल्फ़ रिस्पेक्ट' का सबसे बड़ा दुश्मन साबित होगा?
सिंधिया परिवार के बारे में देश मुझसे ज्यादा जानता है, क्योंकि ये परिवार तब से राजनीति में है, तब मैं पैदा भी नहीं हुआ था। बावजूद मुझे भी ग्वालियर में आधी सदी बिताने की वजह से सिंधिया परिवार के बारे में बहुत कुछ ज्ञात है। कुछ जानकारी किताबी है और कुछ का मैं चश्मदीद हूं। इस बिना पर मुझे लगता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया झूठ नहीं बोल रहे।