किसी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश की सेना का अराजनीतिक होना ज़रूरी है। लेकिन लगता है कि भारतीय सेना अब इस मान्यता से भटक चुकी है। तभी तो वो भी सरकार और इसके नेताओं की तरह झूठी बयानबाज़ी करने लगी है। अब साफ़ दिख रहा है कि 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई बर्बर झड़प को लेकर भारत सरकार, सेना और विदेश मंत्रालय, ने सामूहिक रूप से देश को ग़ुमराह किया है।