भारतीय रेल नेटवर्क विश्व के पाँच सबसे बड़े रेल नेटवर्क में चौथे नंबर पर गिना जाता है। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारतीय रेल नेटवर्क का स्थान है जबकि पाँचवें स्थान पर कनाडा रेल सिस्टम का है। इन देशों की ही तरह भारतीय रेल भी आधुनिकीकरण, विकास व बदलाव के मार्ग पर पर तेज़ रफ़्तार से दौड़ रही है। नई नई तीव्रगामी रेलगाड़ियाँ चलाई जा रही हैं। यहाँ तक कि सबसे तेज़ रफ़्तार समझी जाने वाली बुलेट ट्रेन (हाई स्पीड) रेल परियोजना पर भी काम चल रहा है।
भारतीय रेल के समक्ष समस्याओं का अंबार
- विचार
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- 19 Nov, 2022

भारतीय रेल आधुनिकीकरण, विकास तथा विस्तार के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन क्या पहले से मौजूद दिक्कतों को दूर किया जा रहा है? क्या उन समस्याओं के समाधान की कोई योजना है?
भारतीय रेल पूरे देश के मीटर गेज नेटवर्क को ब्रॉडगेज में बदलने और ब्रॉड गेज नेटवर्क के शत प्रतिशत विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी बहुत तेज़ी से काम कर रहा है। रेलवे मंत्रालय की मानें तो अब तक 82 प्रतिशत रेल मार्ग के विद्द्युतीकरण का काम पूरा भी हो गया है। निश्चित रूप से रेल के विद्युतीकृत होने से जहाँ पर्यावरण को लाभ होगा वहीं डीज़ल पर निर्भरता भी कम होगी। साथ ही रेल की शक्ति व गति में भी इज़ाफ़ा होगा। रेलवे लाइंस को फाटक रहित बनाने की दिशा में भी बहुत तेज़ी से काम हुआ है। देश भर में हज़ारों अंडरपास बनाये जा चुके हैं और बनाये जा रहे हैं। मुसाफ़िरों की बढ़ती संख्या के चलते ट्रेनों की बढ़ती लंबाई के मद्देनज़र सैकड़ों स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म की लंबाई बढ़ाई जा रही है। यात्री रेल नेटवर्क के अतिरिक्त DFCCIL यानी डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड हज़ारों करोड़ की लागत से मालगाड़ियों के लिए समर्पित एक रेल गलियारा निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी तेज़ी से काम कर रहा है। हालाँकि गत दिनों भारतीय रेल ने ‘अनिवार्यता’ होने पर इस विशेष ट्रैक पर अपनी यात्री गाड़ियाँ यदि चलाने की अनुमति तो ज़रूर ले ली है लेकिन मुख्यतः इस पर केवल मालगाड़ियों का ही संचालन किया जाएगा।