पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक बार फिर भारत के साथ अपने संबंधों को सहज बनाने की पहल की है। उन्होंने इसलामाबाद में आयोजित सुरक्षा-संवाद में कहा कि भारत यदि पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बना ले तो उसे मध्य एशिया के पांचों राष्ट्रों तक पहुंचने की बड़ी सुविधा मिल जाएगी लेकिन यह तभी होगा जबकि भारत कश्मीर में जनमत-संग्रह कराने को तैयार हो।
कश्मीर मुद्दे पर भारत से बातचीत शुरू करें इमरान ख़ान
- विचार
- |
- |
- 19 Mar, 2021

प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ, जनरल मुशर्रफ तथा पाकिस्तान के अन्य कई राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों से मैं पूछता था कि क्या आप कश्मीरियों को तीसरा विकल्प देने यानी आजादी के लिए सहमत हैं तो वे कहते थे कि इसकी ज़रूरत ही नहीं है। सिर्फ दो ही विकल्प हैं। या तो वह पाकिस्तान में मिले या भारत में! क्या इमरान ख़ान तीसरे विकल्प के लिए तैयार हैं? यदि नहीं तो फिर जनमत-संग्रह की बात बेमतलब है।
इमरान ख़ान को शायद याद नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के जनमत-संग्रह के प्रस्ताव को खुद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रद्द कर चुके हैं। वह कभी का मर चुका है। खुद पाकिस्तान उसके लिए कभी तैयार नहीं हुआ है। उस प्रस्ताव के शुरू में कहा गया है कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर में से पाक-फौजें और अफसर हट जाएं।