यह खुशी की बात है कि सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बाँड की व्यवस्था पर तुरंत विचार करने की घोषणा की है। अब 24 मार्च से ही इस मुद्दे पर अदालत में बहस शुरू हो जाएगी, क्योंकि देश के पांच राज्यों में चुनाव शुरू होने वाले हैं। चुनावी बाँड की शुरुआत मोदी सरकार ने 2007 में की थी।
राजनीति में भ्रष्टाचार की बड़ी उस्तादी योजना है चुनावी बाँड
- विचार
- |
- |
- 20 Mar, 2021
मोदी सरकार को इस बात के लिए हमेशा याद किया जाएगा कि उसने भ्रष्टाचार के राक्षस के मुंह को क़ानूनी बुर्के से ढांप दिया है। उसने इंदिरा-काल के भ्रष्टाचार की अराजकता को वैधता प्रदान कर दी और उसे ऐसा रूप दे दिया कि भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार बन गया। इसका नाम है- चुनावी बाँड!
चुनावी बाँड राजनीति में भ्रष्टाचार की बड़ी उस्तादी योजना है। जिसने भी यह योजना बनाकर मोदी और अरुण जेटली को थमाई थी, उसका दिमाग किसी तस्कर या डाकू से भी अधिक तेज रहा होगा।