फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की 14 जून 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई अफ़सोसजनक मौत के बाद एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने, एक-दूसरे को लांछित करने, मीडिया द्वारा इस मुद्दे पर 'नागिन डांस' करते हुए ख़ुद को 'मुंसिफ़' के रूप में पेश करने और इस विषय को झूठ-सच के घालमेल से अनावश्यक रूप से लंबे समय तक खींचने का कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा। सुशांत की मौत 'हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी', जाँच एजेंसियों के इस निष्कर्ष पर पहुँचने के बाद इसी विषय से जुड़ी इससे भी बड़ी बहस इस बात को लेकर छिड़ी कि क्या फ़िल्म जगत, ड्रग एडिक्ट्स या नशेड़ियों का अड्डा है?