जब सूरज ढलान पर हो तो बौनों की परछाई लंबी हो जाती है! हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं, जब हत्याओं का जश्न मनाया जा रहा है, बलात्कारियों और हत्यारों का सत्कार किया जा रहा है, गोडसे को देशभक्त और गांधी को गद्दार बताया जा रहा है, 81 करोड़ लोगों को 5 किलो राशन के लिए पंक्तिबद्ध कर दिया गया और देश के प्रधानमंत्री आठ हजार करोड़ के हवाई जहाज में विदेश भ्रमण कर रहे हैं। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है लेकिन, 20 हजार करोड़ की नई संसद का वैदिक मंत्रोचार के साथ उद्घाटन हो रहा है। भारत के विश्वगुरु बनने की मुनादी फेरी जा रही है, लेकिन दुनिया की टॉप हंड्रेड यूनिवर्सिटीज में भारत का कोई विश्वविद्यालय नहीं आता।