मध्य प्रदेश में भी खाद्य-पदार्थों और दवाइयों में मिलावट करनेवाले अब जरा डरेंगे, क्योंकि बंगाल, असम और उत्तर प्रदेश की तरह अब मध्य प्रदेश भी उन्हें उम्र कैद देने का प्रावधान कर रहा है। अब तक उनके लिए सिर्फ़ 6 माह की सज़ा और 1000 रुपये के जुर्माने का ही प्रावधान था। इस ढिलाई का नतीजा यह हुआ है कि आज देश में 30 प्रतिशत से भी ज़्यादा चीजों में मिलावट होती है। सिर्फ़ घी, दूध और मसाले ही मिलावटी नहीं होते, अनाजों में भी मिलावट जारी है। सबसे ख़तरनाक मिलावट दवाइयों में होती है। इसके फलस्वरूप हर साल लाखों लोगों की जानें चली जाती हैं, करोड़ों बीमार पड़ते हैं और उनकी शारीरिक कमजोरी के नुक़सान सारे देश को भुगतने पड़ते हैं।