आज से लगभग 90 साल पहले यही प्रश्न जवाहर लाल नेहरू ने पूछा था। ब्रिटिश उपनिवेशवाद से आजादी के लक्ष्य से तो अभी हम दूर थे लेकिन इस बात पर बहस शुरु हो चुकी थी कि आखिर इस स्वतंत्रता का क्या अर्थ है और इसे हासिल कैसे किया जायगा। 1933 में प्रकाशित प्रसिद्ध पुस्तिका ‘भारत किधर' (Whither India) में देश के भावी और पहलेप्रधानमंत्री ने ये प्रश्न पूछे हैं।
फैज़ान का राष्ट्रगान और भारत... किधर जा रहा है देश
- विचार
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- 26 Jan, 2022

भारत किधर जा रहा है? पूरा विश्व चिंता के साथ पूछ रहा है। भारत के73वें गणतंत्र दिवस पर हमें खुद से भी यह सवाल करना चाहिए कि हमारा देश किस रास्ते पर जा रहा है। तमाम सवालों को तलाशता लेखक, चिन्तक, प्रोफेसर अपूर्वानंद का यह लेख जरूर पढ़ा जाना चाहिए।
" हम किस उद्देश्य से चालित हैं? स्वतंत्रता? स्वराज? आजादी?... शब्द जिनके मानी बहुत गहरे हो सकते हैं या कुछ भी नहीं। यदि हमारा लक्ष्य आजादी है तो किसकी आजादी? क्योंकि राष्ट्रवाद तमाम पापों को छिपा लेता है और अनेक परस्पर विरोधी तत्वों को समाहित किए हुए होता है। एक भारत है जिसमें सामन्ती राजा हैं, छोटे बड़े जमींदार हैं, और एक है जिसमे किसान हैं, मजदूर हैं ,मध्य वर्ग हैं। इन वर्गों में हितों के लिए खुद के भीतर और दूसरों से संघर्ष चलता रहता है।"