बीते मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब संवाददाताओं को संबोधित करने आईं तो पत्रकारों को ही नहीं, उद्योग-व्यवसाय जगत के लोगों को लगा कि वे मंदी से निपटने के कुछ और क़दमों की घोषणा कर सकती हैं। इसका इंतज़ार तो था ही ख़ुद उन्होंने भी कह रखा है कि वे जल्द ही कुछ नए क़दमों की घोषणा करेंगी। पर उन्होंने ई-सिगरेट पर रोक की घोषणा करके सबको चौंकाया। रोक के साथ दंड और जुर्माने का आकार-प्रकार भी चौंकाने में मददगार था। प्रसिद्ध उद्यमी किरण शॉ मजूमदार ने तो अपनी निराशा सार्वजनिक भी की और कहा कि स्वास्थ्य मंत्री वाली घोषणा वित्त मंत्री करें, यह कुछ अस्वाभाविक बात है। अगले दिन निर्मला जी ने सफ़ाई दी कि स्वास्थ्य मंत्री विदेश गए थे और वहाँ मौजूद लोगों में वरिष्ठता के चलते कैबिनेट के सारे फ़ैसलों की जानकारी देना उनका ही काम था। तकनीकी या विशेषज्ञ जानकारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लोग वहाँ मौजूद थे। और कैबिनेट के फ़ैसलों में उन्हें यह सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण लगा इसलिए इसकी घोषणा सबसे पहले हुई।
कच्चे तम्बाकू-बीड़ी-गुटखा छोड़कर ई-धूम्रपान पर ही रोक क्यों?
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- 21 Sep, 2019

प्रसिद्ध उद्यमी किरण शॉ मजूमदार ने तो अपनी निराशा सार्वजनिक भी की और कहा कि स्वास्थ्य मंत्री वाली घोषणा वित्त मंत्री करें, यह कुछ अस्वाभाविक बात है। हालाँकि सरकार ने शेयरों के ज़रिए मुनाफ़ा वसूली करने या तम्बाकू कम्पनियों को लाभ पहुँचाने के लिए यह फ़ैसला किया होगा यह मानना तो उचित नहीं है, पर जिस देश में लोग कच्चा तम्बाकू खाते हों या अन-प्रोसेस्ड तम्बाकू के बीड़ी पीने का चलन बड़े पैमाने पर हो, लोग रोज़ बीस-बीस गुटखा गटक जाते हों, वहाँ इस तरह का फ़ैसला हो, यह अजीब बात है।