नए साल पर पहली चर्चा खुशख़बरी की ही होनी चाहिए। तो खुशखबरी यह है कि बाहर गए भारतीयों द्वारा बीते साल में बाहर की कमाई में से बचत करके देश में पैसा भेजने के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर आ गया है और दूर दूर तक उसे चुनौती मिलती नज़र नहीं आ रही है क्योंकि उसके लिए चुनौती बनने वाला चीन काफी पीछे हो गया है। बाहर गए भारतीयों ने इस साल 129.1 अरब डॉलर की रकम अपने बंधु-बांधवों और देश को भेजी जो वैश्विक हिसाब का 14.3 फीसदी है।
ट्रंप की एच-1बी वीजा पॉलिसी अमेरिका भक्ति न निकाल दे!
- विचार
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- अरविंद मोहन
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- 31 Jan, 2024


अरविंद मोहन
अमेरिका में एच-1बी वीजा को लेकर जो चल रहा है उससे भारत पर क्या असर पड़ेगा? क्या अमेरिका में नौकरी करने वाले भारतीय लोगों के लिए यह अच्छी ख़बर है?
चीन का नंबर अब काफी पीछे है और उसका हिस्सा मात्र 5.3 फीसदी का हो गया है जबकि अभी हाल तक वह कभी भी दस फीसदी से नीचे नहीं गया था। भारत के बाद मैक्सिको का नंबर आता है पर अंग्रेजी जानने वाले ऐसे ‘मजदूरों’ के मामले में पाकिस्तान ही हमारे बाद है जिसका हिसाब और भी पीछे है। विदेशी मजदूरी/कमाई के इस हिसाब का महत्व तब और साफ दिखता है जब हम पाते हैं कि हमारी जीडीपी में इसका हिस्सा 3.3 फीसदी का हो जाता है। और हमारे लिए तो नहीं लेकिन दुनिया के काफी देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मात्रा इस कमाई के नीचे ही है।
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अरविंद मोहन
अरविंद मोहन वरिष्ठ पत्रकार हैं और समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।