अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कश्मीर के बारे में मध्यस्थता की बात करके उन्होंने अपने आप को पाकिस्तानी मंसूबों के साथ खड़ा कर दिया है।  पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर विवाद में बिचौलिया बनने को कहा था। उनकी इस बयानबाज़ी के बाद कश्मीर का मसला एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आ गया है। 
भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों के प्रबंधन के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र ही ऐसे दस्तावेज़ हैं जिनमें भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों के बारे में चर्चा करने का प्रावधान है। इनमें लिखा है कि आपसी मसलों को सार्वजनिक मंचों पर नहीं उठाया जाएगा। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति को इसमें शामिल करने की कोशिश करके उस समझौते की शर्तों के ख़िलाफ़ काम किया है।