कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस्तीफ़ा दे चुके हैं। ज़्यादातर लोग मानते हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष किसी ऐसे व्यक्ति को बनाया जाना चाहिए जो पार्टी को फिर से वही शक्ति दे सके जिसके बल पर कांग्रेस ने इस देश में कई दशकों तक राज किया था। लेकिन किसी को कोई भी नेता समझ में नहीं आ रहा है। उधर दिल्ली में आजकल ऐसा माहौल है कि लगता है कि विपक्ष के बहुत सारे नेताओं को अपनी पार्टी में विश्वास नहीं है और वे सत्ताधारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। यह देश की राजनीति के लिए सही नहीं होगा।
कांग्रेस को निभानी होगी मज़बूत विपक्ष की भूमिका
- विचार
- |
- |
- 20 Jul, 2019

जिस तरह से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी को भारी बहुमत की सरकार का मुखिया होने के बावजूद भी विपक्ष की जाँच पड़ताल और निगरानी से गुजरना पड़ा, उसी तरह से भारी बहुमत से जीतकर आई नरेंद्र मोदी की सरकार को भी विपक्ष की निगरानी की कसौटी का सामना करना पड़े। यह कांग्रेस की ऐतिहासिक और राजनीतिक ज़िम्मेदारी है। राहुल गाँधी ने यह मौक़ा दे दिया है।