इस सवाल का दो-टूक जवाब देना आसान नहीं है कि हम लोग चीनी माल का बहिष्कार करें या न करें। जब से लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने आ खड़ी हुईं हैं, देश के कई संगठन, कई नेता, कई बाबा और कई लाला लोग मांग कर रहे हैं कि भारत सरकार चीन का हुक्का-पानी बंद कर दे। उनकी नाराज़गी जायज है, क्योंकि नरेंद्र मोदी की सरकार ने चीनी नेताओं के साथ काफी अच्छे संबंध बना रखे हैं।
चीनी माल का बहिष्कार करें या न करें?
- विचार
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- 4 Jun, 2020

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच देश में यह मांग जोर-शोर से उठ रही है कि हम लोग चीनी माल का बहिष्कार कर दें और भारत सरकार उसके साथ व्यापारबंदी का फ़ैसला ले। लेकिन हमारे लाखों व्यापारी और कर्मचारी दुतरफा व्यापारबंदी के कारण बेरोज़गार हो जाएंगे। पहले ही कोरोना ने करोड़ों लोगों को घर बिठा दिया है। ऐसे में इस विभीषिका को हम अचानक क्यों तूल देना चाहते हैं?
इतना ही नहीं, कोरोना वायरस के मामले में दुनिया के लगभग सवा सौ देश चीन की तरफ उंगली उठा रहे हैं। ऐसे में भारत बिल्कुल मौनी बाबा बना हुआ है।