कोरोना के साथ जंग में जिस तरह कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए देश भर में थालियां-तालियां बजाई गईं, दीये जलाए गए या उन पर पुष्प वर्षा की गई, उस सारी वंदना के बाद अगर दिल्ली में एक सिपाही की कोरोना से इसलिए मौत हो जाती है कि उसे कोई अस्पताल दाखिल नहीं करता तो फिर यह सवाल ज़रूर उठता है कि आखिर क्या वह सब सिर्फ दिखावा या पब्लिसिटी स्टंट था।