उत्तर प्रदेश की खस्ताहाल क़ानून व्यवस्था चर्चा में है। प्रदेश के तमाम ज़िलों में हत्याएँ, बलात्कार, जातीय संघर्ष की ख़बरें आ रही हैं। हिंसा के शिकार ज़्यादातर दलित-पिछड़े वर्ग के लोग बन रहे हैं। ये आरोप लग रहे हैं कि राज्य प्रशासन और पुसिल महकमा निष्पक्ष रूप से कार्रवाई नहीं कर रहा है। अपराधियों की जगह पीड़ित तबक़े के लोग ही सताए जा रहे हैं।