प्राचीनकाल से गुजरात उद्योग का बड़ा केंद्र रहा है। प्राचीन काल से ही गुजरात से विदेश व्यापार होता रहा है। भारत के स्वतंत्र होने के बाद गुजरात को एक औद्योगिक राज्य के रूप में विकसित किया गया। महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जहाँ कुछ ज़िलों में औद्योगिक क्लस्टर बने हुए हैं, वहीं गुजरात का हर ज़िला औद्योगिक शहर है, जो किसी न किसी उद्योग के लिए जाना जाता है। न सिर्फ़ भारत में, बल्कि विदेश में बड़े पैमाने पर गुजरात से क़ारोबार होता है। गुजरात से विदेश में विस्थापन भी बड़े पैमाने पर हुआ है और विकसित देशों में गुजराती समुदाय बड़े पैमाने पर हैं। ऐसे में कोविड-19 के प्रसार की संभावना गुजरात में बहुत ज़्यादा है। हालाँकि अभी तक के संक्रमितों और मौतों के आँकड़ों में गुजरात तीसरे स्थान पर दिखाया जा रहा है। साथ ही अब यह भी चिंता सताने लगी है कि विस्थापित श्रमिकों के राज्य छोड़ने के बाद क्या गुजरात में क़ारोबार पूरे दमखम के साथ पटरी पर आ सकेगा?
कोविड-19 से गुजरात में दरक रही है बीजेपी की ज़मीन?
- विचार
- |
- |
- 4 Jun, 2020

कोरोना संकट के बाद अब यह चिंता सताने लगी है कि विस्थापित श्रमिकों के राज्य छोड़ने के बाद क्या गुजरात में क़ारोबार पूरे दमखम के साथ पटरी पर आ सकेगा?