गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि 2020 में आईपीसी की 'राज्य के ख़िलाफ़ अपराध' शीर्षक अध्याय की धारा 124 (अ) यानी राष्ट्र-द्रोह के आरोप में जिन 96 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, उनमें से केवल दो को सज़ा हुई जबकि 29 बरी हो गए और 53 के खिलाफ एक साल बाद भी पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं किया। कुल गिरफ़्तार लोगों में 68 बीजेपी-शासित चार राज्यों (कर्नाटक-22, असम -17, जम्मू-कश्मीर-11, यूपी-10, और नागालैंड-8) से हैं।