दुनिया में कोरोना-वैक्सीन का लोक-प्रयोग करने वाला पहला देश ब्रिटेन है। इसने अपने देश की वैश्विक स्तर पर मक़बूल ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा एस्ट्रेजनेका कंपनी के सहयोग से विकसित ‘एजेडडी-1222’ को नज़रअंदाज़ करते हुए अमेरिकी कम्पनी फाइज़र द्वारा जर्मनी की कम्पनी बायोएनटेक के साथ विकसित बीएनटी-162बी2 नामक टीके को प्रयोग की इजाज़त दी। हालाँकि स्वयं अमेरिका अभी भी इसे मंजूरी देने की प्रक्रिया में है।