‘...अब कई लोग कहते हैं कि भई इधर सेकुलर स्टेट में हिंदुओं का राज कौमी राज नहीं होना चाहिये तो कौन कहता है कौमी राज बनाओ! हिंदुस्तान में तीन-चार करोड़ मुसलमान पड़े हैं। कौमी राज की बात नहीं है, लेकिन बात एक है कि हिंदुस्तान में जो मुसलमान पड़े हैं वो मुसलमान में काफी लोगों ने… ज़्यादातर लोगों ने पाकिस्तान बनाने में साथ दिया। अभी ठीक है लेकिन अब एक रोज़ में… एक रात में क्या दिल बदल गया? वो मुझे समझ में नहीं आता कि एक रोज़ में दिल कैसे बदल गया? वो कहते हैं कि हम वफादार हैं… हमारी वफादारी में शंका क्यों की जाती है? तो हम कहते हैं कि हमसे क्यों पूछते हो? आपके दिल में पूछो। हमको मत पूछो वो हमको पूछने की बात नहीं है।’
क्यों आशंकित है मुसलिम समुदाय?
- विचार
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- 22 Apr, 2020

क्या मुसलमान कोरोना के जानलेवा ख़तरे को नहीं समझ रहा? क्या वो जानबूझ कर अपनी जान देने पर आमादा है? और सबसे बड़ी बात कि आख़िर वो इतने ग़ुस्से में क्यों है?
-सरदार वल्लभ भाई पटेल, 3 जनवरी 1948, कलकत्ता (कोलकाता)
आज़ादी मिल चुकी थी, देश बँट चुका था, पाकिस्तान बन चुका था। कोलकाता के शहीद मैदान में दिया सरदार पटेल का यह भाषण सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध है। चाहे तो इसकी ऑडियो क्लिप आप यू-ट्यूब पर सुन सकते हैं। (काउंटर 5:10 to 6:30)