‘...अब कई लोग कहते हैं कि भई इधर सेकुलर स्टेट में हिंदुओं का राज कौमी राज नहीं होना चाहिये तो कौन कहता है कौमी राज बनाओ! हिंदुस्तान में तीन-चार करोड़ मुसलमान पड़े हैं। कौमी राज की बात नहीं है, लेकिन बात एक है कि हिंदुस्तान में जो मुसलमान पड़े हैं वो मुसलमान में काफी लोगों ने… ज़्यादातर लोगों ने पाकिस्तान बनाने में साथ दिया। अभी ठीक है लेकिन अब एक रोज़ में… एक रात में क्या दिल बदल गया? वो मुझे समझ में नहीं आता कि एक रोज़ में दिल कैसे बदल गया? वो कहते हैं कि हम वफादार हैं… हमारी वफादारी में शंका क्यों की जाती है? तो हम कहते हैं कि हमसे क्यों पूछते हो? आपके दिल में पूछो। हमको मत पूछो वो हमको पूछने की बात नहीं है।’