अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों को लेकर प्रतिद्वंद्वी नेताओं के बीच उभरे मतभेदों के बाद देश का राजनीतिक भविष्य और गहरा गया है। ऐसे वक्त में जब अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा जनतांत्रिक सरकार को तालिबान के साथ बातचीत में एकजुटता दिखानी चाहिए थी, इसके दो ताक़तवर नेताओं डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अशरफ़ ग़नी के बीच आपसी मतभेदों ने तालिबान का मनोबल बढ़ाने वाला काम किया है।