बीजेपी के अध्यक्ष और देश के वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह ने गत शुक्रवार को संसद में अनुच्छेद 370 का मसला फिर से उठाते हुए याद दिलाया कि देश के संविधान में इसे ‘अस्थायी’ बताया गया है और उसकी इस ‘अस्थायी’ प्रकृति को जम्मू-कश्मीर के पहले प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला की रज़ामंदी हासिल थी। गृह मंत्री ने साफ़-साफ़ यह तो नहीं कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया जाना चाहिए जैसा कि वे चुनाव प्रचार के दौरान कह रहे थे और जो बीजेपी के घोषणा-पत्र का हिस्सा भी है, लेकिन उनकी मंशा साफ़ थी।