4 फरवरी 2021 को ऐतिहासिक चौरी चौरा घटना के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री ने चौरी चौरा के शहीदों को याद करते हुए, इतिहास में उनकी अवहेलना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। ज़ाहिर है, उनका इशारा राष्ट्रवादी इतिहास लेखन और लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस की ओर है।

लाल किले की हिंसा की आड़ में सरकार बर्बरतापूर्वक किसान आन्दोलन को कुचलकर खत्म करना चाहती थी। लेकिन राकेश टिकैट सहित अन्य किसानों के गांधीवादी सत्याग्रह के कारण ही आज दोगुनी ताक़त के साथ किसान आन्दोलन खड़ा है। आश्चर्यजनक रूप से अंग्रेजी हुक़ूमत के नज़रिए से देश चलाने वाली बीजेपी सरकार चौरी चौरा के शहीदों को याद करके समारोह आयोजित कर रही है। यह उलटबांसी ही नहीं हास्यास्पद भी लगता है।
यह आयोजन यूपी सरकार द्वारा किया गया। योगी आदित्यनाथ ने चौरी चौरा शताब्दी समारोह को साल भर आयोजित करने का ऐलान किया है। इसके माध्यम से बीजेपी सरकार राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास को हथियाने और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमला करने की कोशिश करेगी।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।