आख़िरकार निशांत कुमार का बयान भी आ गया कि एनडीए को चाहिए कि नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने की घोषणा कर दे। निशांत माने नीतीश कुमार के पुत्र। पहली बार सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देकर उन्होंने कई तरह के संकेत दिए। निश्चित रूप से पहला संकेत तो राजनीति में आने का है।
बीते बीस साल से मुख्यमंत्री के संग रहने और अकेली संतान होने के चलते सारा लाड़-प्यार पाने के बावजूद अभी तक उनके किसी आचारण को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं थी। बल्कि वे इतने शांत और सावधान तरीके़े से रहते थे कि काफ़ी सारे राजनैतिक पंडित उनके सामान्य होने पर ही शक करते थे। अब अगर वे बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद और पचास साल की उम्र में पार्टी तथा समाज के अनेक पक्षों से बार बार की जा रही मांग के बाद सक्रिय होने का फैसला करते हैं तो उन्हें शुभकामना दी जा सकती है। अपनी स्वर्गवासी मां के जन्मदिन पर आयोजित किसी कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही और जदयू का प्रदर्शन पहले से बेहतर होने की बात भी कही।
बिहार में पुराने चेहरे-पैंतरे से कितनी चल पाएगी राजनीति?
- विचार
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- 26 Feb, 2025

बिहार की राजनीति में दशकों से वही पुराने चेहरे हावी हैं, लेकिन क्या वे नई चुनौतियों का सामना कर पाएंगे? क्या राज्य को नए नेतृत्व की जरूरत है? जानिए इस विश्लेषण में।